भृगुसंहिता ज्योतिष का एक संस्कृत ग्रन्थ है। इसके रचयिता महर्षि भृगु हैं जो वैदिक काल के सात ऋषियों में से एक हैं। भृगु संहिता महर्षि भृगु और उनके पुत्र शुक्राचार्य के बीच संपन्न हुए वार्तालाप के रूप में है। उसकी भाषा-शैली गीता में भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के मध्य हुए संवाद जैसी है। हर बार आचार्य शुक्र एक ही सवाल पूछते हैं- "वद् नाथ दयासिन्धो जन्मलग्नशुभाशुभम् । येन विज्ञानमात्रेण त्रिकालज्ञो भविष्यति ॥Bhrigusamhita is a Sanskrit text of astrology. Its author is Maharishi Bhrigu, one of the seven sages of the Vedic period. Bhrigu Samhita is in the form of a conversation between Maharishi Bhrigu and his son Shukracharya. His language-style is like the dialogue between Lord Krishna and Arjuna in the Gita. Every time Acharya Shukra asks the same question- "Vad Nath Dayasindho JanamlagnaShubhashubham.